मित्रो हमने भानगढ़ के बारे में काफी सुना है किस तरह एक श्राप ने एक सुंदर किले को खंडहर में तब्दील कर दिया | लेकिन आज हम आपको इसी तरह के एक ओर किले से रूबरू करवाएंगे जो भानगढ़ की तरह खंडहर में बदल गया | इस किले का नाम है “राजा जगतपाल सिंह का किला ” |
राजा जगतपाल सिंह का किला झारखंड राज्य के पिठोरिया गाँव में स्तिथ है | इस किले को राजा जगतपाल सिंह ने १८३१ में व्यापार बढ़ाने के लिए बनवाया था | वो अपने क्षेत्र के विकास के कारण बहुत लोकप्रिय था और उसके द्वारा किये निर्माण कार्यो के कारण स्थानीय जनता उसका बहुत सम्मान करती थी लेकिन उसकी एक गलती ने उसको अपने शेत्र मर कुख्यात कर दिया | राजा जगतपाल ने ऐसी क्या गलतिया करी आइये आपको उससे अवगत कराते है |१८३१ में स्थानीय आदिवासियों ने अंग्रेजो के विरुद्ध आन्दोलन कर दिया था और अंग्रेज उस जगह से अनजान होने के कारण आदिवासियों से मुकाबला नहीं कर पा रहे थे | अंग्रेजो ने हर ना मानते हुए राजा जगतपाल से जाकर सहायता माँगी कि अगर वह इस जंग को जीतने में अंग्रेजो की मदद करेंगे तो उन्हें अंग्रेजो की तरफ से प्रतिमाह पेंशन दी जायेगी | राजा जगतपाल ने अंग्रेजो की इस शर्त को स्वीकार कर लिया | वो अंग्रेजो को धीरे धीरे क्रान्रिकारियो के ठिकाने बताते गये |
उस समय के मशहूर क्रन्तिकारी ठाकुर विश्वनाथ सहदेव को जब राजा जगतपाल के बारे में पता चला तो वो पिथोरिया गाँव में राजा को सबक सिखाने चले गये | लेकिन इस बात की भी खबर राजा ने अंग्रेजो को बता दी और पिठोरिया की घेराबंदी कर ठाकुर विश्वनाथ को गिरफ्तार कर लिया | राजा जगतपाल ने ठाकुर विश्वनाथ के खिलाफ गवाही दी और इसी आधार पर उनको फ़ासी पर लटका दिया गया |फांसी पर लटकने से पहले ठाकुर विश्वनाथ ने राजा जगतपाल को श्राप दिया कि “जिस तरह तूने अपने देश से गद्दारी की है उसी तरह ये किला जिस पर तू गर्व करता है वज्रपात से पूरा बर्बाद हो जाएगा और आने वाले समय में कोई भी राजा जगतपाल का नाम नहीं याद रखेगा ” | ठाकुर विश्वनथ के इसी श्राप की वजह से यह किला बिजली के झटको से खंडहर में तब्दील हो गया |
हर साल मानसून के दौरान बिजली गिरने से इस किले के कई हिस्से ढह जाते है लेकिन वैज्ञानिक बिजली गिरने का वैज्ञानिक कारण यहा के पेड़ो और खनिजो की प्रचुरता को बताते है | मित्रो जो भी हो प्राचीन समय में इन्सान के मुख से निकली बाते कभी कभी सत्य भी हो जाती थी क्योंकि ठाकुर विश्वनाथ ने ये बात मौत को गले लगाने से पूर्व कही थी | मित्रो अगर इसी प्रकार की कोई घटना अगर आपके क्षेत्र में भी हो तो आप हमे जरुर प्रेषित करे |